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Bandra Garib-Rath - नाम से गरीब, लेकिन मेरे दिल के करीब - Abdul Rehman

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Blog Entry# 4653663
Posted: Jun 19 2020 (21:44)

1 Responses
Last Response: Jun 19 2020 (21:45)

Rail News
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Jun 19 2020 (21:45)
Rang De Basanti^   59057 blog posts
Re# 4653663-1              
Part-2/
अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान किए गए ठोस प्रयासों से अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। उदाहरणस्‍वरूप, बिजली की खपत बढ़ रही है, जो पहले गिर रही थी; इस साल मई में उर्वरक की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है; पिछले साल की तुलना में खरीफ फसलों की बुवाई में उत्‍साहवर्धक वृद्धि हुई है; दुपहिया वाहनों का उत्पादन बढ़ रहा है; खुदरा (रिटेल) में डिजिटल भुगतान लॉकडाउन से पहले वाले स्तर पर पहुंच गया है; मई में टोल संग्रह में
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वृद्धि हुई है और निर्यात फि‍र से उछाल दर्शाने लगा है। सुधार के ये लक्षण हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के लाभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बैठक में भाग ले रहे राज्यों में कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और एमएसएमई का विशेष महत्व है, जिनके लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अनेक प्रावधान किए गए हैं। एमएसएमई को समय पर ऋण प्रदान करने के प्रावधानों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यदि बैंकर समितियों के माध्यम से उद्योगों को ऋण का त्वरित वितरण सुनिश्चित किया जाए, तो ये उद्योग जल्द-से-जल्‍द काम करना शुरू कर पाएंगे और इसके साथ ही लोगों को रोजगार भी दे पाएंगे। उन्‍होंने कहा कि छोटे कारखानों का मार्गदर्शन करने और सहारा देने की आवश्यकता है। उन्होंने व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मूल्य श्रृंखलाओं (वैल्‍यू चेन) पर मिलकर काम करने के विशेष महत्व का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्यों में विशिष्ट आर्थिक गतिविधि वाले केंद्रों या कारखानों में प्रतिदिन 24 घंटे काम किया जाना चाहिए तथा आर्थिक गतिविधि को और भी अधिक बढ़ावा देने के लिए लोडिंग एवं अनलोडिंग को तेज करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में सुधारों के माध्यम से किसानों को संभावित लाभों का उल्लेख किया जिससे उन्‍हें उपज बेचने के लिए नए विकल्‍प उपलब्‍ध होंगे और आय में वृद्धि होगी। इससे अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी। पूर्वोत्‍तर और आदिवासी क्षेत्रों में खेती एवं बागवानी के लिए नए अवसर मिलेंगे। जैविक उत्पादों, बांस उत्पादों और अन्य जनजातीय उत्पादों के लिए नए बाजारों के द्वार खुलेंगे। उन्‍होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण का लाभ राज्यों को भी मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर प्रसंस्करण के साथ-साथ और भी अधिक प्रभावकारी ढंग से विपणन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक एवं जिला स्तर पर इस तरह के उत्पादों की पहचान की जानी चाहिए। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं को जल्‍द-से-जल्‍द अमल में लाने के लिए एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्यमंत्रि‍यों की राय
आज की बातचीत दो दिवसीय संवाद का पहला हिस्सा थी। इसमें पंजाब, असम, केरल, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, नगालैंड, लद्दाख, पुडुचेरी, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली और दमन-दीव, सिक्किम और लक्षद्वीप सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी रही।
मुख्यमंत्रियों ने इस विकट समय में नेतृत्व करने और वायरस के खिलाफ सामूहिक लड़ाई लड़ने हेतु देश को एकजुट करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्रियों ने वायरस के प्रभावों से निपटने के लिए अपने-अपने राज्यों में मौजूदा स्वास्थ्य अवसंरचना के साथ-साथ इसमें वृद्धि करने के प्रयासों के बारे में भी आवश्‍यक जानकारियां दीं। मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्‍यों में चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों, घर लौट चुके श्रमिकों को दी जा रही सहायता, आरोग्य सेतु एप का उपयोग करने और राज्यों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के बारे में बताया।
जान और जहान दोनों पर फोकस
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के विचारों के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने जीवन और आजीविका यानी जान और जहान दोनों पर ही फोकस किए जाने के विशेष महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर परीक्षण (टेस्टिंग) और मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने पर जोर देने के साथ-साथ स्वास्थ्य अवसंरचना को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि करनी होगी। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान जरूरतों और भविष्य की आवश्यकताओं दोनों को ही ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाने चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे इस तथ्य को सदैव ध्‍यान में रखें कि वायरस का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को खोलते समय निरंतर सतर्क रहने की आवश्यकता है।
गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि वैसे तो हमने अब तक महामारी के खिलाफ सफल लड़ाई लड़ी है, लेकिन अभी लंबा रास्‍ता तय करना बाकी है। उन्‍होंने कहा कि सभी को प्रधानमंत्री के सुझावों का पालन करना चाहिए जिनमें मास्क/फेस कवर का उपयोग करना, दो गज की दूरी बनाए रखना, इत्‍यादि शामिल हैं।
तैयारियों की पिछली समीक्षा
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत की तैयारियों की समीक्षा के लिए 13 जून को वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक विस्तृत बैठक की थी। बैठक के दौरान महामारी के संदर्भ में राष्ट्रीय स्तर पर ताजा स्थिति और इससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई थी।
यह पाया गया कि कुल मामलों में से दो तिहाई 5 राज्यों में हैं.और बड़ी संख्‍या में मामले बड़े शहरों में ही हैं। विशेषकर बड़े शहरों के समक्ष मौजूद चुनौतियों के मद्देनजर परीक्षण (टेस्टिंग) के साथ-साथ बेड और सेवाओं की संख्या बढ़ाने पर भी चर्चा की गई, ताकि हर दिन मामलों में हो रही चरम वृद्धि की समस्‍या से प्रभावकारी ढंग से निपटा जा सके।
प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में बेड/आइसोलेशन बेड पर शहर-वार और जिला-वार आवश्यकताओं पर उच्‍चाधिकार प्राप्त समूह की सिफारिशों का संज्ञान लिया था और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से आपात योजना बनाने का निर्देश दिया था। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही मानसून सीजन की शुरुआत को ध्‍यान में रखते हुए मंत्रालय को उपयुक्त तैयारियां सुनिश्चित करने की भी सलाह दी थी।


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एसजी/एएम/आरआरएस- 6668

(रिलीज़ आईडी: 1631970) आगंतुक पटल : 176

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