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Blog Entry# 4661209
Posted: Jul 02 2020 (22:21)

4 Responses
Last Response: Jul 02 2020 (22:22)
Rail News
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Jul 02 2020 (22:20)   कोविड-19 पर पीआईबी का दैनिक बुलेटिन : 23 JUN 2020

Rang De Basanti^   138872 news posts
Entry# 4661209   News Entry# 412941         Tags   Past Edits

Rail News
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Jul 02 2020 (22:21)
Rang De Basanti^   59631 blog posts
Re# 4661209-1              
Part-2/
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार द्वारा कोविड-19 के उपचार के लिए विकसित आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में हाल में मीडिया में आए समाचारों का संज्ञान लिया है। उल्लिखित वैज्ञानिक अध्ययन के दावों, तथ्यों और विवरण के बारे में मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं है। कंपनी को बताया गया है कि आयुर्वेदिक औषधियों सहित दवाओं के ऐसे विज्ञापन औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के प्रावधानों और उसके नियमों तथा कोविड महामारी के क्रम में केन्द्र सरकार द्वारा जारीदिशानिर्देशों के अंतर्गत विनियमित हैं। मंत्रालय ने भी अधिसूचना जारी कर आयुष हस्तक्षेप/औषधियों के साथ कोविड-19 पर किए जाने वाले शोध अध्ययन की आवश्यकताओं और उसके तरीकों के बारे में बताया था। उपरोक्त समाचार के तथ्यों और दावों के सत्यापन
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के लिए मंत्रालय को सूचित किए जाने के क्रम में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से उन दवाओं के नाम और संयोजन; स्थानों/अस्पतालों जहां कोविड-19 के लिए शोध कराया गया; प्रोटोकॉल, नमूना आकार, संस्थागत आचार समिति की मंजूरी, सीटीआरआई पंजीकरण और शोध के नतीजों के विवरण उपलब्ध कराने तथा इस मसले की विधिवत जांच पूरी होने तक ऐसे दावों के विज्ञापन/प्रचार को बंद करने के लिए कहा गया है।
विस्तार से पढ़ें:
आर्थिक गतिविधि में बढ़ोतरी - आर्थिक संकेतकों में सुधार
लोगों की जान बचाने- ‘जान है तो जहान है’की तात्कालिक जरूरत से प्रेरित होकर भारत ने देश में कोविड-19 के प्रसार को उसके प्रारंभिक चरण में ही रोकने के लिए 24 मार्च, 2020 को 21 दिनों के सख्त लॉकडाउन का सहारा लिया। हालांकि,सख्त लॉकडाउन और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने (सामाजिक दूरी) के उपायों ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। जान बचाने के साथ-साथ आजीविका बचाने- ‘जान भी जहान भी’के लिए कार्यनीति में क्रमिक बदलाव के साथ भारत ने 1 जून, 2020 से चरणबद्ध तरीके से सेवाओं और व्यापार को फिर से शुरू करते हुए ‘अनलॉक इंडिया’ चरण में प्रवेश किया। सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक ने न्यूनतम नुकसान के साथ जल्द से जल्द अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने के लिए सुविचारित तरीके से अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के तात्कालिक नीतिगत उपाय किए हैं। मई और जून में बिजली और ईंधन की खपत, माल की राज्य के अंदर और बाहर आवाजाही, खुदरा वित्तीय लेनदेन जैसे वास्तविक गतिविधि संकेतकों के साथ आर्थिक पुनरुद्धार के शुरुआती हरे अंकुर भी दिखने लगे हैं। कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव बना हुआ है और सामान्य मॉनसून के पूर्वानुमान के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में इसे मदद करना चाहिए। भारतीय विनिर्माण का लचीलापन इस तथ्य से स्पष्ट है कि 2 महीने की अवधि के भीतर भारत व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है।
विस्तार से यहां पढ़ें:
एमएसएमई और एनबीएफसी के लिए सरकारी योजनाओं का उल्‍लेखनीय असर
एमएसएमई के लिए सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों का त्‍वरित असर देखने को मिल रहा है। सरकारी गारंटी प्राप्‍त आपातकालीन क्रेडिट लाइन के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों ने 20 जून, 2020 तक 79,000 करोड़ रुपये से भी अधिक के ऋणों को मंजूरी दे दी है जिनमें से 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहले ही वितरित की जा चुकी है। उधर, मार्च-अप्रैल 2020 में घोषित आरबीआई की विशेष तरलता (लिक्विडिटी) सुविधा के तहत सिडबी ने एनबीएफसी, माइक्रोफाइनेंस संस्‍थानों और बैंकों के लिए 10,220 करोड़ रुपये से भी अधिक मंजूर किए हैं, ताकि वे एमएसएमई और छोटे कर्जदारों या उधारकर्ताओं को ऋण दे सकें। राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) ने 10,000 करोड़ रुपये की अपनी पूरी सुविधा की मंजूरी आवास वित्‍त कंपनियों के लिए दी है। सिडबी और एनएचबी की ओर से यह पुनर्वित्त उन चालू योजनाओं के अलावा है, जिनके माध्यम से 30,000 करोड़ रुपये से भी अधिक मंजूर किए गए हैं।
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मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए विक्रेताओं द्वारा जीईएम पर उत्पत्ति के देश के बारे में जानकारी देना अनिवार्य बनाया गया
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक स्पेशल पर्पस व्हीकल, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने विक्रेताओं के लिए यह अनिवार्य बना दिया है कि जीईएम पर सभी नए उत्पादों को पंजीकृत करने के समय वे उत्पत्ति के देश के बारे में जानकारी अवश्य दें। इसके अतिरिक्त, जिन विक्रेताओं ने जीईएम पर इस नए फीचर के लागू होने से पूर्व अपने उत्पादों को पहले ही अपलोड कर लिया है, उन्हें इस चेतावनी के साथ कि अगर वे इसे अपडेट करने में विफल रहे तो उनके उत्पादों को जीईएम से हटा दिया जाएगा, नियमित रूप से उत्पत्ति के देश का अपडेट करने के लिए ध्यान दिलाया जा रहा है। जीईएम ने यह उल्लेखनीय कदम ‘मेक इंन इंडिया' तथा ‘आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने के लिए उठाया है। जीईएम ने उत्पादों में स्थानीय कंटेंट की प्रतिशतता का संकेत देने के लिए भी एक प्रावधान किया है। इस नए फीचर के साथ, अब उत्पत्ति का देश तथा स्थानीय कंटेंट की प्रतिशतता सभी मदों के लिए मार्केटप्लेस में दिखाई दे रही है। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि अब पोर्टल पर ‘मेक इंन इंडिया' फिल्टर को सक्षम बना दिया गया है।
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हज 2020 के लिए भारतीय मुसलमान सऊदी अरब नहीं जायेंगे
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया है कि सऊदी अरब सरकार के निर्णय का सम्मान करते हुए, कोरोना महामारी के मद्देनजर लोगों की सेहत-सलामती को प्राथमिकता देते हुए यह फैसला किया गया है कि हज के लिए भारतीय मुसलमान सऊदी अरब नहीं जाएंगे। यहां आज मीडिया से बात करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री डॉ. मुहम्मद सालेह बिन ताहेर बेन्तेन का कल फोन आया था, उन्होंने कोरोना महामारी के चलते इस बार हज में भारत से जाने वाले हज यात्रियों को न भेजने का सुझाव दिया है।
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भारतीय रेलवे के कोविड केयर कोचों का उपयोग शुरू; रेलवे ने 5 राज्यों में 960 कोविड केयर कोच तैनात किए

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3 Public Posts - Thu Jul 02, 2020
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